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उस आईने में भाग : 5

प्लीज! मुझे इस से बचा लो। यह मुझे मार डालेगी! 


 डॉक्टरों को समझ नहीं आता आखिर इस पेशेंट को क्या हुआ है , और वह किस से खुद को बचाने की बात कर रहा है ? डॉ उसे शान्त रहने के लिए बोलते हैं, मगर वो शांत नहीं होता।

 इसलिए डॉक्टर नर्स से बोलकर उसे बेहोशी का इंजेक्शन देते के लिए कहते हैं। थोड़ी ही देर में इंजेक्शन का असर होता है जिससे मकान मालिक बेहोश हो जाता ह।

 और सुनैना वहां से गायब हो जाती है, तभी साहिल की भी अपनी मां से बात हो जाती हैं, और साहिल फोन काट देता है ।

साहिल डाक्टर से पूछता है कि -"डॉक्टर अभी और कितने दिन लगेंगे हॉस्पिटल में ?" 

डॉक्टर साहिल की तरफ देखते हैं और कहते हैं आप मुझसे मेरे केबिन में आकर मिलिए, मिस्टर! साहिल ।

 साहिल उनके पीछे-पीछे चला जाता है , उनके केबिन में जा कर डॉक्टर मकान मालिक की फाइल को उठाकर अपनी टेबल पर बैठकर उसके कुछ पन्ने पर पलटते हुए बोलते हैं।

 मिस्टर साहिल हमें इन की कंडीशन कुछ समझ में नहीं आ रही है । पहले हार्टअटैक आना बाथरूम में गिर जाना और हॉस्पिटल में यूं अचानक से होश आ जाना बड़ा ही अजीब सा है

 क्योंकि ज्यादा तर किसी पेशंस के साथ ऐसा होते हुए हमने नहीं देखा या केस बड़ा ही अजीब है !

 तो साहिल डॉक्टर से पूछता है मैं यहां हॉस्पिटल में ज्यादा दिन नहीं रुक पाऊंगा। क्योंकि मुझे उसने कॉलेज में पढ़ाई वगैरा सब मैनेज करना है , इसलिए मैं मकान मालिक को देखने के लिए आता रहूंगा।

 तो डॉ साहिल से कहते हैं , कोई बात नहीं आप जा सकते हैं मिस्टर साहिल। हम और हमारा डिपार्टमेंट इनकी पूरी देखभाल करेगा यू डोंट वरी ।

आप कभी-कभी आते रहिएगा । साहिल डॉक्टर को थैंक्यू बोलता है और केबिन से बाहर आ जाता है। बाहर आते ही उसे सुनैना दिखती है । 

और वह उसे मकान मालिक के कमरे में आने का इशारा करती है तभी साहिल मकान मालिक के कमरे में चला जाता है , और वहां जाकर दरवाजा अंदर से बंद कर लेता है और सुनैना से पूछता है, क्या हुआ?

 तो सुनैना कहती है मैंने सुना है तुम जा रहे हो! साहिल कहता है हां मैं जा रहा हूं। यहां हॉस्पिटल में मैं यूं नहीं रुक सकता और मुझे ना कॉलेज पढ़ाई सब देखना है । इसलिए मैं वापिस जा रहा हूं । मेरी कोई भी हेल्प की जरूरत हो तो तुम मुझे बुला लेना ओके । 

 सुनैना साहिल की तरफ देखती है , और कहती है ठीक है। तुम चले जाओ मेरे लिए और भी अच्छा रहेगा। और वह थोड़ा सा मुस्कुरा देती है । 

साहिल सुनैना की तरफ देखता है और शक भरे अंदाज में से पूछता है -" अब तुम क्या करने वाली हो ? बताओगी नहीं मुझे ?" 

तो सुनैना कहती है -"कि तुम अगर यहां से चले जाओगे तो मैं उसे आसानी से मार सकती हूं। तुम्हारे पर कोई शक भी नहीं करेगा।"

 साहिल उसकी तरफ देखता है और पूछता है-" क्या तुम उसे जान से मार दोगी?" तो सुनैना उस की तरफ देख कर उसे जवाब देती है , क्यूं नहीं मारना चाहिए क्या ? तुम्हें क्या लगता है साहिल क्या मैं गलत कर रही हूं ?

तो साहिल उसे जवाब देता है नहीं ! तुम इसे पुलिस के हवाले क्यों नहीं कर देती सुनैना ? क्यों इस हत्या को अपने सर लोगी । बेकार में ही एक गंदे‌ घटिया इंसान की हत्या का आरोप तुम्हारे ऊपर लग जाएगा।

 तो सुनैना से कहती है, पुलिस को देने से कुछ नहीं होगा। दो दिन में वह बड़ी ही आसानी से छूट जाएगा । पुलिस वाले उसे बड़ी आसानी से बेल पर छोड़ देगे। क्या तुम्हें यह सब बातें पता नहीं है जो इतने नादान बन रहे हो ।

साहिल वहां से चला जाता है और वह टैक्सी में सुनैना की बातों को सोचता है। और अपने रूम में आ कर लेट जाता है और सुनैना की बातों को ही सोचने में लगा रहता है।

 तभी उस की आंख लग जाती है, और वह अपने सपने में देखता है कि सुनैना उस के पास आई है। और उस से कहती है ,साहिल उठो ! और मेरे साथ चलो। सुनैना साहिल का हाथ पकड़ती है । और उसे उसके बाथरूम की तरफ ले जाती है।

 तभी साहिल की आंख खुलती है और ऐसा लगता है कि सुनैना उसे कुछ दिखाना चाहती है, तभी अचानक से उठकर साहिल सुनैना सुनैना चिल्लाता है और सुनैना वहीं पर उसे खड़ी मिलती है। तो वह सुनैना को देखकर पूछता है अभी मैंने तुम्हें अपने सपने में देखा क्या तुम मुझ‌ से कुछ कहना चाहती हो?

  सुनैना उस से कहती है -"कहना नहीं मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहती हूं महसूस करवाना चाहती हूं , जो तुमने अभी मुझसे कुछ देर पहले कहा‌ था। तभी सुनैना साहिल के शरीर में प्रवेश करती है। 

और साहिल बेहोश हो जाता है । अभी उसे ऐसा महसूस होता है कि वह कहीं और है ! अपने रूम जैसी ही जगह पर ।

 पर वह जगह थोड़ी-थोड़ी बदली हुई सी लग रही थी । उसे समझ नहीं आता कि वह कहां है? तभी रूम का दरवाजा खोल कर सुनैना भागते हुए अपने कमरे में आई ।और अंदर से दरवाजा बंद करने लगी , और मकान मालिक शराब के नशे मे एक ही झटके में दरवाजे के अंदर आ गया ।और सुनैना के साथ जोर जबरदस्ती करने लगा।

 साहिल के सामने वह सब कुछ एक मूवी की तरह चल रहा था । और वह समझ नहीं पा रहा था, यह क्या हो रहा है मेरी साथ ? तभी साहिल सुनैना की चीख की आवाज सुनता है और जल्दी से अपने कानों को अपने हाथों से बंद कर लेता है ।

उस चीख में इतना दर्द था कि साहिल से बर्दाश्त नहीं होता।और देखते ही देखते वह सब जो सुनैना ने बताया था। वह सब साहिल को दिखता है और साहिल उसे महसूस करता है। कि सुनैना किस दर्द से गुजरी थी उस वक्त? 

 और आज भी वह उसी दर्द में है, जब यह दर्द साहिल को महसूस हुआ तो वह समझ गया। कि सुनैना से अंदर जो बदले की आग है । वह किस वजह से है । और वह उसके दर्द को बयान कर रही है।

 अब साहिल समझ चुका था, कि सुनैना ने क्यों मकान मालिक को जान से मारने का प्लान बनाया था ,अभी साहिल अचानक से होश में आ जाता है। और समझ जाता है कि सुनैना सही है। और वह सुनैना की तरफ देख कर कहता है -"सुनैना मैं तुम्हारा दर्द महसूस कर सकता हूं और अब मुझे समझ नहीं आ रहा मैं क्या कहूं तुमसे ?

तो सुनैना से कहती है -"मैं बस तुम्हे यही समझाना और एहसास दिलाना चाहती थी, कि मैंने जो दर्द सहा है वह आज तक मेरे साथ है और मैं हर रोज हर वक्त उसे बार-बार महसूस करती हूं ,और यह मेरे लिए बहुत ही दर्दनाक है।।

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7 Comments

The story

14-Mar-2022 11:25 PM

Good story. इतना दिमाग लाई कहाँ से आप

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Ammar khan

30-Nov-2021 03:54 PM

Good

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Hayati ansari

29-Nov-2021 09:09 AM

Nice

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